रेड डाटा बुक
विश्व संरक्षण संघ (World Conservation Union- WCU)
जिसे अन्तर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण संघ (International Union of Conservation of Nature and Natural Resources- IUCN या IUCNNR) भी कहा जाता है, के अध्ययन से ज्ञात हुआ कि जैव विविधता को विश्व के सभी भागों में अति संकट से गुजरना पड़ रहा है। इस सम्बन्ध में wCU ने अध्ययन द्वारा संकटग्रस्त जीवों की सूची लिपिबद्ध की जिसे रेड डाटा बुक कहा जाता है। इस सूची में उन जातियों एवं उपजातियों को सम्मिलित किया गया जो विलोपन के खतरे से गुजर रही हैं। इसका प्रकाशन पहली बार सन् 1963 में स्विट्जरलैण्ड में किया गया जहाँ WCU का मुख्यालय है। WCU ने रेड डाटा बुक में संकटग्रस्त जातियों को विभिन्न श्रेणियों में बाँटकर विभाजित किया और उन्हें सूचीबद्ध किया। रेड डाटा बुक की सहायता से हमें संकटग्रस्त जीवों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इस जानकारी की सहायता से हम उन संकटग्रस्त जीवों के संरक्षण के लिए प्रयास कर सकते हैं और उन्हें विलुप्त होने से बचा सकते हैं।
इसमें उल्लिखित चार स्तनी इस प्रकार हैं-
- काला हिरण
- चीतल
- चिंकारा तथा
- तेन्दुआ।