कायान्तरण
वह प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत शिशु अनेक अवस्थाओं से होते हुए वयस्क बनता है, कायान्तरण कहलाती है। उदाहरणार्थ-कॉकरोच के शिशु को निम्फ कहते हैं। ये रचना में वयस्क कॉकरोच के ही समान परन्तु छोटे, हल्के रंग के और पंखहीन होते हैं। इनके जननांग भी अर्द्धविकसित होते हैं। इनकी शिशु अवस्था लगभग 6 माह से 2 वर्ष तक होती है। इस बीच शिशु में सक्रिय पोषण के कारण वृद्धि होती है। वृद्धि अवस्था में10 से 12 बार निम्फ के बाह्य कंकाल का त्वक् पतन होता है, परिणामस्वरूप इसकी वृद्धि होती है। अन्तिम त्वक् पतन के पश्चात् वृद्धि प्रावस्था समाप्त हो जाती है तथा निम्फ वयस्क बन जाता है। इसके पंख भी बन जाते हैं तथा जननांग क्रियाशील हो जाते हैं।