जैव प्रबलीकरण (Biofortification)
उन्नत खाद्य गुणवत्ता रखने वाली फसलों में पादप प्रजनन को जैव प्रबलीकरण कहते हैं। जैव प्रबलीकरण द्वारा प्राप्त उच्च विटामिन, खनिज, प्रोटीन तथा स्वास्थ्यवर्द्धक वसा वाली प्रजनित फसलें जनस्वास्थ्य को सुधारने के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रायोगिक माध्यम होती हैं। उन्नत पोषक गुणवत्ता के लिए निम्नलिखित को सुधारने के उद्देश्य से प्रजनन किया जाता है –
- प्रोटीन की मात्रा तथा गुणवत्ता,
- तेल की मात्रा तथा गुणवत्ता,
- विटामिन की मात्रा,
- सूक्ष्मपोषक तथा खनिज की मात्रा।
जैव प्रबलीकरण के द्वारा ही मक्का, गेहूँ तथा धान की उच्च गुणवत्ता वाली किस्में विकसित की गई हैं। सन् 2000 में विकसित की गई मक्का में ऐमीनो एसिड, लाइसीन तथा ट्रिप्टोफैन की दुगुनी मात्रा विकसित की गई। गेहूं की किस्म (एटलस 66 कृष्य) जिसमें उच्च प्रोटीन मात्रा है, विकसित की गई हैं। धान की उच्च लौह तत्त्व वाली किस्म विकसित की गई, इसमें सामान्यत: प्रयोग में लाई गई किस्मों की तुलना में लौह तत्त्व की मात्रा पाँच गुना अधिक है। भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान नई दिल्ली ने प्रचुर मात्रा में विटामिन तथा खनिज वाली सब्जियों की फसलें विकसित की हैं।