शिक्षा का अर्थ जीवन के सत्य से परिचित होना और सम्पूर्ण जीवन की प्रक्रिया को समझने में हमारी मदद करना है । क्योंकि जीवन विलक्षण है ये पक्षी, ये फूल, ये वैभवशाली वृक्ष, यह आसमान, ये सितारे, ये मत्स्य सब हमारा जीवन है । जीवन दीन है, जीवन अमीर भी । जीवन गूढ है जीवन मन की प्रच्छन्न वस्तुएँ इच्छाएँ, महत्वाकांक्षाएँ, वासनाएँ, भय, सफलताएँ एवं चिन्ताएँ हैं । केवल इतना ही नहीं अपितु इससे कहीं ज्यादा जीवन है । हम कुछ परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लेते हैं, हम विवाह कर लेते हैं बच्चे पैदा कर लेते हैं और इस प्रकार अधिकाधिक यंत्रवत बन जाते हैं। हम सदैव जीवन से भयाकुल, चिन्तित और भयभीत बने रहते हैं । शिक्षा इन सबों का निराकरण करती है । भय के कारण मेधा शक्ति कुंठित हो जाती है । शिक्षा इसे दूर करता है । शिक्षा समाज के ढाँचे के अनुकूल बनने में आपकी सहायता करती है या आपको पूर्ण स्वतंत्रता होती है । वह सामाजिक समस्याआ का निराकरण करे शिक्षा का यही कार्य है।