डेंगू बुखार
यह एक विषाणुजनित बुखार है, जिसे हड्डीतोड़ बुखार भी कहते हैं। डेंगू विषाणु की वाहक मादा ऐडीज मच्छर (Aedes aegypti) है। इस रोग का विषाणु फ्लेविवाइरिडी (flaviviridae) कुल का सदस्य है जिसे फ्लेविवाइरस (Flavivirus) कहा जाता है। इसे आर्बोवाइरस (Arbovirus) भी कहते हैं क्योंकि यह विषाणु मच्छरों (arthropod vector) द्वारा संचारित होता है।
डेंगू विषाणु की चार से पाँच स्ट्रेन्स (strains) या सेरोटाइप (serotypes) पायी जाती है जिन्हें क्रमशः DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4 आदि कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति में इसमें से किसी भी एक स्ट्रेन द्वारा संक्रमण हो जाता है, तो उसे डेंगू बुखार हो जाता है तथा व्यक्ति इस स्ट्रेन के लिए जीवन पर्यन्त प्रतिरक्षा (immunity) विकसित कर लेता है किन्तु दूसरे अन्य स्ट्रेन्स के प्रति प्रतिरक्षण न होने के कारण उनके द्वारा संक्रमण का खतरा बना रहता है।
मादा ऐडीज दिन में (मुख्यत: प्रात: काल एवं सायंकाल) मनुष्य को काटती है। मनुष्य डेंगू विषाणु का प्राथमिक पोषद (primary host) और मादा मच्छर इसका द्वितीयक पोषद (secondary host) है। मनुष्य के शरीर में डेंगू विषाणु प्रवेश से लेकर बुखार का लक्षण प्रकट होने तक के समय को उद्भवन काल (incubation period) कहते हैं। यह 3 से 7 दिन कभी-कभी 10 से 12 दिन का होता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
- साधारण डेंगू बुखार—इसमें तेज ज्वर के साथ तेज सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, चक्कर आना, भूख न लगना, मांसपेशियों में ऐंठन आदि हैं।
- प्रचण्ड डेंगू बुखार (Severe Dengue Fever) – इसकी दो अवस्थाएँ हैं –
- डेंगू रक्तस्राव ज्वर (Dengue Haemorrhagic Fever) – इसमें सिरदर्द, बुखार, भूख न लगना, नाक-कान से रक्तस्राव होना, खून की उल्टी होना तथा रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाना आदि इसके लक्षण हैं।
- डेंगू घातक लक्षण (Dengue Shock Syndrome) – इसमें बेचैनी, रुधिर दाब का अत्यधिक कम हो जाना तथा शरीर के प्रमुख अंगों में तरल की कमी होना आदि लक्षण हैं।
डेंगू का उपचार (Treatment of Dengue) – डेंगू एक विषाणु जनित रोग है इसके लिए कोई प्रतिजैविक (antibiotic) नहीं है। इसके लिए सहायक उपचार ही मुख्य चिकित्सकीय सहायता है। डेंगू बुखार में पेरासिटामोल तथा दर्द निवारक ऐसिटामिनोफेन एवं कोडीन दिया जाना चाहिए। मैक्सिको की सनोफी (sanofi) फार्मा कम्पनी ने एक वैक्सीन डेंग्वाक्सिया तैयार किया। इसका प्रयोग बहुत जल्द शुरू हो जायेगा।
डेंगू की रोकथाम (Control of Dengue) – डेंगू के रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए निम्न प्रमुख उपाय हैं –
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग।
- दिन में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग।
- टंकी, कूलर, गमला आदि में जल संग्रह नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि इसके वाहक मच्छर अपने लार्वा स्वच्छ जल में ही देते हैं।
- मच्छरों को मारने हेतु कीटनाशक का छिड़काव, लार्वा खाने वाले कीटों का प्रयोग आदि उपाय किए जाने चाहिए।