मोहनजोदड़ो
मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्राप्त में स्थित है, यह सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी बस्तियों में से एक थी। मोहनजोदड़ो लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ था। मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ “मुर्दों का टीला” होता है। यह विश्व का प्राचीनतम नियोजित नगरों में से एक है, इसकी खोज 1922 में राखालदास बनर्जी ने की थी। मोहनजोदड़ो से कांसे से बनी नर्तकी की मूर्ती, एक सभागार, मिट्टी के बर्तन व घोड़े के कुछ अवशेष प्राप्त हुए हैं। मोहनजोदड़ो में एक मुद्रा भी प्राप्त हुई है, इस मुद्रा पर आधा भाग मानव व आधा भाग बाघ का है।
मोहनजोदड़ो में भवनों का निर्माण पक्की ईंटों से किया गया था, यह शहर ग्रिड व्यवस्था पर आधारित था। मोहनजोदड़ो को दो भागों में बांटा जाता है – किला व निचला नगर। मोहनजोदड़ो में विशाल अन्नागार, सभागार इत्यादि के अवशेष पाए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि मोहनजोदड़ो सिन्धु घाटी सभ्यता का प्रशासनिक केंद्र था।