सिंधु घाटी सभ्यता की जीवन शैली
नगर व्यवस्था
सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीनतम नगर सभ्यताओं में से एक है। सिन्धु घाटी सभ्यता में नगरों का निर्माण काफी कुशल व सुनियोंजित तरीके से किया गया था। इसमें जल निकासी की उचित व्यवस्था थी और यह नगर ग्रिड पद्धति के आधार पर बना था। नगरों के निर्माण में पक्की ईंटो का निर्माण दृश्यमान होता है, नगर में नालियाँ ईंटों व पत्थरों से ढकी होती थी, इसके साथ-साथ चूना व जिप्सम भी उपयोग में लाया जाता था।
भवन व वास्तुकला
सिन्धु घाटी सभ्यता में विशालकाल भवनों के संकेत मिलते हैं, प्रमुख विशाल भवन स्नानागार, अन्नागार, सभा भवन, पुरोहित आवास इत्यादि थे। मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजानिक स्थान विशाल स्नानागार है,
आवासीय भवन
आवासीय भवनों का निर्माण भी बड़ी कुशलतापूर्वक किया गया था, सभी आवासों के बीच में एक आँगन होता था, और आँगन के चारों ओर कमरे, रसोईघर, स्नानागार व अन्य कक्ष होते थे। सामान्यतः स्नानागार गली की ओर बने होते थे।
सिन्धु घाटी सभ्यता में कृषि
सिन्धु घाटी सभ्यता में कालीबंगा और बनावली से कृषि के साक्ष्य मिले हैं, जबकि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से अन्नागार प्राप्त हुए हैं। कृषि सिन्धु घाटी सभ्यता में प्रमुख व्यवसाय था।
सिन्धु घाटी सभ्यता में पशुपालन
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, कुत्ता, बिल्ली, हाथी व गैंडे इत्यादि पशुओं से परिचित थे। सिन्धु घाटी सभ्यता में मोहनजोदड़ो, लोथल, राणाघुडई और सुरकोतदा से घोड़े के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।
सिन्धु घाटी सभ्यता में लोगों की जीवन शैली
सिन्धु घाटी सभ्यता में विभिन्न फसलों की खेती की जाती थी, इन्ही फसलों का उपभोग भी किया किया जाता था। सिन्धु घाटी के लोग शाकाहारी के साथ-साथ मांसाहारी भोजन का सेवन भी करते थे। सिन्धु घाटी सभ्यता में गेहूं, जौ और खजूर प्रमुख खाद्य पदार्थ थे, इसके अतिरिक्त भेड़, सूअर व मछली की मांस का उपभोग भी किया जाता था।मुख्यतः बर्तन मिट्टी से निर्मित होते थे।