हम दैनिक जीवन में कहते हैं कि वह एक अच्छा नेता है, वह अच्छा शिक्षक है, वह श्रेष्ठ पत्रकार है या वह सफल व्यापारी है। इससे तात्पर्य है कि उसकी बुद्धि बहुत अधिक तीव्र है, जिसका प्रयोग वह विभिन्न क्षेत्रों में करता है।
किन्तु दूसरी ओर हम कहते हैं कि अमुक विद्यार्थी तीन विषयों में फेल हो गया तथा अमुक व्यक्ति का व्यवहार मूखों जैसा है तो लगता है कि उसकी बुद्धि बलवती नहीं है। इसका सम्बन्ध बुद्धि को तीव्रता तथा निर्बलता से माना जाता है।
बुद्धि की आत्मा एक ही है परन्तु बुद्धि की परिभाषा अनेक मनोवैज्ञानिकों ने उसके स्वरूप के आधार पर अलग-अलग निम्न प्रकार दी है-
थॉर्नडाइक (Thorndike) के शब्दों में-
"वास्तविक परिस्थिति के अनुसार अपेक्षित प्रतिक्रिया की योग्यता ही 'बुद्धि' है।" (Intelligence is the ability to motive profitable use of past experience.)
टरमैन (Terman) के अनुसार-
"अमूर्त वस्तुओं के विषय में सोचने की योग्यता ही 'बुद्धि' है।" (Intelligence is a capacity to think well, to judge well and to be self critical.)
मनोविज्ञान की उत्पत्ति से लेकर आज तक 'बुद्धि का स्वरूप' निश्चित नहीं हो पाया है। समय-समय पर जो परिभाषाएँ विद्वानों द्वारा प्रस्तुत की जाती रहीं, वह इसके एक पक्ष या विशेषता या क्षमता से सम्बन्धित थीं। अत: आज तक उपलब्ध सामग्री के अधार पर बुद्धि का स्वरूप तथा इसकी प्रकृति क्या है? बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप का वर्णन हम निम्न प्रकार से करेंगे-
सीखने की योग्यता (Ability of learning)
भारतीय मनीषियों एवं ऋषियों ने 'ज्ञान' को जीवन का प्रमुख साधन एवं साध्य माना है। अत: जो व्यक्ति अधिक से अधिक ज्ञान ग्रहण कर लेता है; उसे समाज उच्च स्थान देता है। मनोवैज्ञानिकों ने अधिक से अधिक ज्ञान को ग्रहण करने वाली योग्यता को ही 'बुद्धि' माना है।
जैसा कि 'डियर वान' ने लिखा है- "बुद्धि सीखने या अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता है।" (Intelligence is the capacity to learn or to profit by experience.)
समस्या समाधान की योग्यता (Ability to solve the problem)
प्रत्येक व्यक्ति को विकास के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना होता है। जो व्यक्ति इन समस्याओं पर जितनी शीघ्र विजय प्राप्त कर लेता है या उनसे छुटकारा प्राप्त कर लेता है, वही सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है। अतः समस्या समाधान में प्रयोग की गयी योग्यता ही 'बुद्धि' है।
जैसा रायबर्न ने लिखा है- "बुद्धि वह शक्ति है, जो हमको समस्याओं का समाधान करने और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है।" (Intelligence is the power which unable us to solve problems and to achieve our purposes.)
अमूर्त चिन्तन की योग्यता (Ability of think abstractly)
प्रत्येक व्यक्ति दो प्रकार से चिन्तन प्रक्रिया को अपनाता है। प्रथम-मूर्त रूप से चिन्तन करके ज्ञान प्राप्त करना और द्वितीय-अमूर्त रूप से चिन्तन करके। अमूर्त रूप से तात्पर्य, जो चीजें हमारे समक्ष नहीं हैं उनका कल्पना तथा स्मृति के आधार पर ज्ञान प्राप्त करना। अत: अमूर्त चिन्तन में जो व्यक्ति अधिक सफल होता है, उसे बुद्धिमान कहा जाता है।
जैसा कि टरमैन (Terman) ने कहा है- "एक व्यक्ति उसी अनुपात में बुद्धिमान होता है, जितनी उसमें अमर्त चिन्तन की योग्यता होती है।" (An individual is intelligent in proportion as he is able to carry on abstract thinking.)
पर्यावरण से सामंजस्य की योग्यता (Ability of adjustment with environment)
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में विकास करता है। विकास के समय सफलताएँ और असफलताएँ दोनों ही आती हैं। जो व्यक्ति दोनों में समाजीकरण एवं सामंजस्य करते हुए विकास करता है, उसे बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है या जो जितनी शीघ्र पर्यावरण को अपने अनुक्ल कर लेता है।
जैसा कि विलियम स्टर्न ने लिखा है- "जीवन की परिस्थितियों और नवीन समस्याओं में सामान्य मानसिक अनुकूलन ही बुद्धि है।" (Intelligence is a general mental adaptability to new problems and conditions of life.)