इलेक्ट्रॉन युग्म दाता
जब किसी अणु के परसाणु का अष्टक पूर्ण हो जाता है तथा उस पर एक, दो या तीन इलेक्ट्रॉन युग्म मुक्त होते हैं (जो सहसंयोजक ओबन्ध के निर्माण के साझे में प्रयुक्त ने हुए हों) तो इनमें से एक इलेक्ट्रॉन युग्म किसी ऐसे परमाणु का जिसका अष्टक पूर्ण न हो, दान करके या साझा करते हैं, फलस्वरूप उपसहसंयोजक आबन्ध का निर्माण होता है। इस इलेक्ट्रॉन युग्म को दान करने वाले अणु को इलेक्ट्रॉन युग्म दाता कहते हैं। उदाहरणार्थ-NH3 के अणु से नाइट्रोजन एक इलेक्ट्रॉन युग्म BF3 के अणु को दान करके साझा करते हैं जिससे उपसहसंयोजक आबन्ध का निर्माण होता है।