इलेक्ट्रॉन बन्धुता
किसी तत्त्व के परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋण आयन बनने में उत्सर्जित ऊर्जा को उस तत्त्व की इलेक्ट्रॉन बन्धुता कहते हैं। ऊर्जा का उत्सर्जन जितना अधिक होगा, इलेक्ट्रॉन बन्धुता उतनी ही अधिक होगी। हैलोजनों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता सबसे अधिक होती है। इलेक्ट्रॉन बन्धुता इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) प्रति परमाणु में व्यक्त की जाती है तथा E या E, अक्षरों द्वारा व्यक्त की जाती है।
Cl+e– → Cl– + E यहाँ E = 3.61 ev
आवर्त में आगे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर यह घटती है।
क्लोरीन की इलेक्ट्रॉन बन्धुता फ्लोरीन से अधिक है क्योंकि फ्लोरीन परमाणु की त्रिज्या बहुत छोटी एवं इलेक्ट्रॉन घनत्व बहुत उच्च होने के कारण फ्लोरीन परमाणु में इलेक्ट्रॉन डालना ऊर्जा की दृष्टि से क्लोरीन परमाणु की तुलना में कुछ कम अनुकूल होता है। इसलिए फ्लोरीन की इलेक्ट्रॉन बन्धुता क्लोरीन से कम है।