वैद्युत संयोजी आबन्ध या आयनिक आबन्ध
परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण से जो आबन्ध बनते हैं, उन्हें वैद्युत संयोजी आबन्ध या आयनिक आबन्ध कहते हैं।
उदाहरणार्थ-सोडियम क्लोराइड (NaCl) में Na परमाणु अपने बाह्यतम कोश का एक इलेक्ट्रॉन Cl परमाणु को देकर अक्रिय गैस की स्थायी संरचना प्राप्त करके सोडियम आयन में परिवर्तित हो जाता है। इसी प्रकार C1 परमाणु अपने बाह्यतम कोश के Na परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन लेकर अक्रिय गैस की स्थायी संरचना प्राप्त कर लेता है और क्लोराइड आयन बनाता है।