सिग्मा बंध और पाई बंध में अन्तर
1. यदि एक आसान भाषा में समझाया जाये तो दो कार्बन के बीच में यदि एक बंध हो तो वो सिग्मा बंध होता है और यदि दो हो तो एक सिग्मा और पाई बंध होता है और यदि तीन हो तो ऊपर और नीचे का बंध सिग्मा बंध होता है और बीच का बंध पाई बंध होता है.
2. जब s और s या s और p या p और p से मिलके अक्षीय अतिव्यापन बनता है तो वो सिग्मा बंध बनाता है और जब p और p के मिलने से पार्श्व अतिव्यापन बनता है तो पाई बंध बनता है.
3. कक्षको के अक्षीय अतिव्यापन में सिग्मा बंध बनता है और पार्श्व अतिव्यापन में पाई बंध बनता है.
४. सिग्मा बंध के बीच आकर्षण प्रवल अर्थात मजबूत इसलिए ये प्रबल बंध होता है जबकि पाई बंध दुर्बल बंध होता है.
५. सिग्मा बंध अक्षीय अतिव्यापन बनाता है इसलिए सिग्मा बंध प्रबल होता है जबकि पाई पार्श्व अतिव्यापन करने के कारण दुर्बल होता है.
६. सिग्मा बंध, सिग्मा और पाई किसी भी बंध के साथ हो सकता है लेकिन पाई बंध हमेशा सिग्मा बंध के साथ ही पाया जाता है.
७. सिग्मा बंध के सापेक्ष परमाणुओं का मुक्त घूर्णन संभव होता है लेकिन पाई बंध के सापेक्ष परमाणुओं का मुक्त घूर्णन सम्भव नहीं है.