बैकेलाइट
ये फीनॉल की अम्ल अथवा क्षार उत्प्रेरक की उपस्थिति में फॉर्मेल्डिहाइड के साथ संघनन अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होते हैं। अभिक्रिया का आरम्भ 0-अथवा p-हाइड्रॉक्सीमेथिलफीनॉल व्युत्पन्नों के विरचन से होता है जो पुनः फोनॉल से अभिक्रिया करके ऐसे यौगिक बनाते हैं जिनमें आपस में, -CH2,-सेतुओं के माध्यम से जुड़ी वलय होती हैं। प्रारम्भिक उत्पाद एक रैखिक उत्पाद हो सकता है; जैसे-नोवोलेक, जिसका उपयोग पेंटों में किया जाता है।