परिक्षिप्त प्रावस्था की प्रकृति के आधार पर पायसों को निम्नलिखित दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है
जल में तेल (o/w) प्रकार के पायस – इस प्रकार के पायसों में तेल परिक्षिप्त प्रावस्था के रूप में कार्य करता है जबकि जल परिक्षेपण माध्यम की भाँति कार्य करता है। इस प्रकार के पायस के
उदाहरण दूध और वैनिशिंग क्रीम हैं। दूध में द्रव वसा जल में परिक्षिप्त रहती है।
तेल में जल (w/o) प्रकार के पायस – इस प्रकार के पायसों में जल परिक्षिप्त प्रावस्था की तरह कार्य करता है जबकि तेल परिक्षेपण माध्यम की भाँति कार्य करता है। इस प्रकार के पायस का मुख्य उदाहरण कॉड-लीवर तेल (cod liver oil) है। मक्खन (butter) और कोल्ड क्रीम (cold cream) भी इसी प्रकार के पायस हैं।
स्पष्ट है कि पायस का प्रकार दोनों द्रवों को सापेक्षिक मात्राओं पर निर्भर करता है। जल अधिक होने पर पायस जल में तेल प्रकार का पायस होता है जबकि तेल अधिक होने पर पायस तेल में जल प्रकार का पायस होता है। पायस का प्रकार पायसीकारक की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। उदाहरणार्थ– पायसीकारक के रूप में विलेय साबुन की उपस्थिति से जल में तेल प्रकार के पायस का निर्माण होता है। जबकि अविलेय साबुन तेल में जल प्रकार के पायसों का निर्माण करते हैं।