रेखाचित्र
जब लेखक अपने सम्पर्क में आने वाले किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना आदि को कम शब्दों के द्वारा सांकेतिक रूप से चित्रित करता है तो उसकी उस कृति को रेखाचित्र’ कहते हैं। रेखाचित्र सांकेतिक, व्यंजक और यथार्थपरक होता है। रेखाचित्र का विकास छायावादोत्तर युग में हुआ है।