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नदी प्रदूषण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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नदी प्रदूषण

औद्योगीकरण, नगरीकरण, खेतों में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग, उपभोक्तावादी संस्कृति के चलते नदियों में प्रदूषण निरंतर बढ़ता जा रहा है। नदियों से निरंतर जल का दोहन किया जा रहा है जिससे नदियों का जलस्तर घट रहा है। इससे जल की गुणवत्ता घटती है तथा नदी का स्वतः स्वच्छता पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, समुचित जल प्रवाह में गंगा का जल लगभग 20 किमी क्षेत्र में फैले बड़े शहरों की गंदगी को तनु करके समाहित कर सकता है लेकिन बढ़ते शहरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण ऐसा नहीं हो पाता और बहुत-सी नदियों में प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है।

निम्न कारणों से जल विशेष रूप से प्रदूषित होता है

  1. नदियों व झीलों में कपड़े, बर्तन धोना एवं पशुओं को नहलाना।
  2. अपरिष्कृत मलिन जल तथा औद्योगिक कचरे की नदियों में डाला जाना। (ग) जहाजों से तेल का रिसाव।।
  3. खेती में रासायनिक खाद एवं रसायनों का अत्यधिक प्रयोग।

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