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गंगा नदी तंत्र की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

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गंगा नदी तंत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. भागीरथी के गंगोत्री हिमानी से निकलने वाली गंगा को इसके उद्गम स्थल से लेकर देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलने तक ‘भागीरथी’ कहते हैं। हरिद्वार में गंगा नदी पर्वतीय भाग से मुक्त होकर मैदान में प्रकट होती है।

  2. गंगा पश्चिम बंगाल में गंगा के डेल्टा के सबसे उत्तरी भाग में बहती है। नदी यहाँ दो भागों में बँट जाती है-भागीरथी एवं हुगली (एक वितरिका), दक्षिण की ओर डेल्टाई मैदान से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। मुख्यधारा दक्षिण की ओर बांग्लादेश में प्रवेश करती है तथा ब्रह्मपुत्र भी आकर इसमें मिलकर डेल्टा का निर्माण करती है। आगे निचली जलधारा को ‘मेघना’ कहा जाता है। इन नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा को ‘सुंदरबन का डेल्टा’ कहा जाता है। यह विश्व का सबसे बड़ा तथा सर्वाधिक तेजी से बढ़ता हुआ डेल्टा है। यह रॉयल बंगाल टाईगर का निवास भी है।

  3. गंगा नदी की लंबाई 2,500 किमी से अधिक है। अंबाला, सिंधु एवं गंगा नदी तंत्र के जल-विभाजक पर स्थित है।

  4. हिमालय से निकलने वाली कई नदियाँ जैसे यमुना, घाघरा, गंडक तथा कोसी आदि सहायक व प्रमुख नदियाँ गंगा में आकर मिल जाती हैं।

  5. यमुना नदी हिमालय की यमुनोत्री हिमानी से निकलती है। यह गंगा के समानांतर बहती है और इलाहाबाद में गंगा की दाहिनी ओर की सहायक नदी के रूप में इसमें मिल जाती है।

  6. घाघरा, गंडक तथा कोसी जैसी सहायक नदियाँ नेपाल हिमालय से निकलती हैं। ये वे नदियाँ हैं जो प्रत्येक वर्ष उत्तर के मैदानों के कुछ भागों में बाढ़ का कारण बनती हैं जिससे जान-माल की बहुत हानि होती है किन्तु ये मिट्टी | को उर्वर बनाकर गहन कृषि के उपयुक्त बना देती हैं।
    चंबल, बेतवा और सोन जैसी सहायक नदियाँ अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों से निकलती हैं तथा इनकी लंबाई कम होती है। ये कम मात्रा में जल लाती हैं।

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