घरवाहा समुदाय की समस्यायें
चरवाहा समुदाय का जीवन निरंतर प्रकृति से संघर्ष में बीतता था। उन्हें निरंतर प्राकृतिक एवं मानवीय समस्याओं और बदलती परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था, जैसे-
स्थायी संबंधों की स्थापनी
उन्हें अपने प्रवास के प्रत्येक ठिकाने ,पर रहने वाले निवासियों तथा अधिकारियों से घनिष्ठ संपर्क बनाए रखने की आवश्यकता होती है अन्यथा वे उन क्षेत्रों में उनके पशुचारण पर प्रतिबंध लगी कते हैं।
दिशा का निर्धारण
प्रवास की दिशा निर्धारित करना चरवाहा समुदाय की एक प्रमुख समस्या होती है क्योंकि गलत दिशा का चयन उन्हें तथा उनके पशुओं के लिए भोजन तथा पानी की समस्या उपस्थित कर सकता है।
प्रवास की समय सीमा का निर्धारण
प्रवास काल में किस स्थान पर कितने समय तक रुकना है जिससे वे चरागाहों तक सही समय पर पहुँच सकें और मौसम बिगड़ने से पहले सही सलामत वापस आ सकें अर्थात् प्रवास की अवधि और रेवड़ के साथ कब और कहाँ ठहरना है आदि, का निर्धारणजी एक कठिन समस्या होती है जिसे एक लंबे अनुभव द्वारा ही हल किया जा सकता है। चरवाहा समुदाय अपनी जीवन सम्बन्धी अनेक आवश्यकताओं के लिए गैर-चरवाहा समुदायों पर भी निर्भर होते हैं, ऐसे में समाज अन्य समूहों से भी उनके मानवीय सम्बन्ध स्थापित होते हैं।