ऊपरी वायुमण्डल के अध्ययन से मौसम वैज्ञानिकों ने मानसूनों की उत्पत्ति के सम्बन्ध में अनेक महत्त्वपूर्ण तथ्यों का रहस्योद्घाटन किया है। वास्तव में ऊपरी वायुमण्डल में तीव्र गति से चलने वाली पवनो को जेट पवनें कहते हैं?
जेट पवनों का नामकरण अमेरिकी बमवर्षक विमान बी-29 के नाम पर हुआ है। द्वितीय महायुद्ध में इन बमवर्षकों को जापान की उड़ान भरने पर प्रबल वेग वाली वायु का सामना करना पड़ता था, जिससे विमानों की गति मन्द पड़ जाती थी तथा कभी-कभी इनका आगे बढ़ना भी कठिन हो जाता था। परन्तु जब यही विमान अमेरिका की ओर वापस आते थे, तब इनके वेग में अपार वृद्धि हो जाती थी। इसी कारण इनका नामकरण जेट पवनों (जेट स्ट्रीम्स) के नाम पर हुआ। ये जेट धाराएँ पूर्व से पश्चिम की ओर 62 किमी की ऊँचाई पर चलती हैं। शीत ऋतु में ये विषुवत् रेखा के अधिक निकट परन्तु 20° अक्षांशों तक प्रवाहित होती हैं। ग्रीष्म ऋतु की अपेक्षा शीत ऋतु में इनका वेग दोगुना हो जाता है। सामान्य रूप से इनका वेग 480 किमी प्रति घण्टा होता है