तरंगें महासागरीय जल में दोलन गति की प्रतीके हैं। इनसे समुद्री धरातल निरन्तर ऊपर उठता और नीचे धंसता रहता है। मुख्य रूप से तरंगों का निर्माण पवनों से होता है। समुद्र की सतह पर जब पवन दाब और घर्षण के रूप में अपनी ऊर्जा का प्रयोग करता है तबै तरंगें उत्पन्न होती हैं। पवन द्वारा निर्मित ये तरंगें निम्नलिखित तीन प्रकार की होती हैं
- सी-ये जटिल और परिवर्तनशील स्वभाव की तरंगें हैं। ये अस्त-व्यस्त तरंगी रूपरेखा का निर्माण करती हैं।
- स्वेल-ये नियमित तरंगें हैं जो समान ऊँचाई और आवर्तकाल के साथ एक निश्चित रूप में | प्रवाहित होती हैं।
- सर्फ-तटीय क्षेत्रों में इन टूटती हुई तरंगों को सर्फ (फोनिल लहर) कहते हैं।