Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Pratham Singh in भूगोल
edited
वायुमण्डल से ओलावृष्टि एवं वर्षा किस प्रकार होती है? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

+1 vote
Deva yadav
edited

ओलावृष्टि-जब वायुमण्डल में प्रबल वायु की धाराएँ ऊर्ध्वाधर रूप में चलती हैं, तव संघनन की प्रक्रिया वायुमण्डल के उच्च स्तरों में निम्न तापमान पर सम्पन्न होती है तथा जलवाष्प हिमकणों में बदल जाती है। हिमकणों का आकार धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, परन्तु ऊपर उठती हुई प्रचण्ड वायु इन्हें नीचे नहीं गिरने देती है। इस प्रकार इन रवों की मोटाई कुछ सेमी तक बढ़ जाती है तथा ठोस हिम के गोले के रूप में ये रवे भूपृष्ठ पर गिरते हैं, जिसे ‘ओलावृष्टि’ या ‘उपलवृष्टि’ कहते हैं। कभी-कभी ओले वर्षा के साथ भी भूपृष्ठ पर गिरते हैं। ओलावृष्टि से फसलों को भारी हानि पहुँचती है।

वर्षा-वर्षा, वृष्टि का सबसे सामान्य प्रतिरूप है। वायुमण्डल में जलवाष्प के संघनन से मेघों का निर्माण होता है। मेघों में अनेक छोटे-छोटे जलकण होते हैं, जो यत्र-तत्र बिखरे रहते हैं। जब मेघ वायुमण्डल के शीतल क्षेत्रों में पहुँचते हैं तब ये जलकण संचित होकर पहले की अपेक्षा और बड़े हो जाते हैं। भार के कारण ये वायुमण्डल में अधिक देर तक टिक नहीं पाते और नीचे बरसने लगते हैं। वृष्टि के इस रूप को ‘वर्षा’ कहते हैं। वर्षा की बूंदों का व्यास 6 मिमी तक होता है। ‘फुहार’ हल्की वर्षा का स्वरूप है। इसमें जल की बूंदें बहुत ही सूक्ष्म होती हैं, जिनका व्यास 0.5 मिमी से भी कम होता है।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...