बाइज बैलट का नियम (Buys Ballot’s Law)
उन्नीसवीं शताब्दी में हॉलैण्ड के वैज्ञानिक बाइज बैलट ने पवन-संचरण के सम्बन्ध में एक नवीन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था। उन्हीं के नाम पर इसे बाइज बैलट का नियम कहते हैं। बाइज बैलट के अनुसार, “यदि हम उत्तरी गोलार्द्ध में चलती हुई हवा की ओर पीठ करके खड़े हों तो हमारे बायीं ओर निम्न वायुभार तथा दायीं ओर उच्च वायुभार होगा। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में दायीं ओर निम्न वायुभार तथा बायीं ओर उच्च वायुभार होगा। यही कारण है कि सनातनी हवाएँ उत्तरी गोलार्द्ध में उच्च दाब के चारों ओर घड़ी की सूइयों के अनुकूल और न्यून दाब के चारों ओर घड़ी की सूइयों के प्रतिकूल चला करती हैं। दक्षिणी गोलार्द्ध में हवाओं की दिशा ठीक इसके विपरीत होती है।