in भूगोल
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समुद्र व स्थल समीर का वर्णन करें।

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ऊष्मा के अवशोषण तथा स्थानान्तरण की प्रकृति स्थल व समुद्र में भिन्न होती है अर्थात् दिन के समय स्थल भाग समुद्र की अपेक्षा शीघ्र एवं अधिक गर्म हो जाते हैं, अतः यहाँ निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है, जबकि समुद्र अपेक्षाकृत ठण्डे रहते हैं और उन पर उच्चदाब बना रहता है। इसलिए दिन में पवनें समुद्र से स्थल की ओर प्रवाहित होती हैं। इन पवनों को स्थल समीर कहते हैं। रात के समय स्थल भाग शीघ्र ठण्डे हो जाते हैं; अतः वहाँ उच्चदाब पाया जाता है जबकि समुद्र देर से ठण्डे होने के कारण रात्रि में निम्न दाब के क्षेत्र रहते हैं। इसलिए पवनें रात्रि में स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं। इनको समुद्री समीर कहते हैं

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