‘सूर्यातप’ अंग्रेजी भाषा के Insolation शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। Insolation से तात्पर्य In Coming Solar Radiation है। वास्तव में, सूर्य से निरन्तर तरंगों के रूप में ताप शक्ति प्रसारित होती रहती है। यही ताप शक्ति धरातल तक पहुँचकर उसे ऊष्मा प्रदान करती है। सूर्य से प्राप्त होने वाली यही ऊर्जा सूर्यातप कहलाती है। सूर्यातप विद्युत चुम्बकीय तरंगों द्वारा वायुमण्डल की 32,000 किमी मोटी परत को पार कर लघु तरंगों के रूप में धरातल पर आती हैं, जिसे सौर विकिरण (Solar Radiation) की प्रक्रिया कहते हैं। अत: वायुमण्डल अधिकतर सीधे सूर्य की किरणों से ऊष्मा प्राप्त नहीं कर पाता है। वह इन किरणों से केवल 19% ताप ही जल-वाष्प एवं धूलकणों के माध्यम से प्राप्त कर पाता है। वस्तुत: गर्म होती हुई पृथ्वी को स्पर्श करके ही वायुमण्डल गर्म हो जाता है, जिसे वायुमण्डल का परोक्ष रूप से गर्म होना कहते हैं।