ओजोनमण्डल
वायुमण्डल में इस परत की ऊँचाई समतापमण्डल के ऊपर 32 किमी से 80 किमी तक है। इसमें ओजोन गैस की अधिकता के कारण इसे ओजोनमण्डल नाम दिया गया है। वर्तमान समय में वायुमण्डल के इस छतरी रूपी आवरण में दो छेद हो गये हैं जिसका मुख्य कारण धरातल पर प्रदूषणों में वृद्धि होना है। वैज्ञानिकों को ध्यान इस ओर गया है तथा प्रदूषण एवं आणविक अस्त्र-शस्त्रों की होड़ को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे जीवमण्डल के इस सुरक्षा कवच की रक्षा की जा सके। इस घटना के कारण ही पृथ्वी के औसत तापमान में 0.5° सेग्रे की वृद्धि हो गयी है; अतः सभी मानव-समुदाय को इसकी रक्षा के प्रयास करने चाहिए।
महत्त्व-इस परत का महत्त्व मानवमात्र के लिए है, क्योंकि इसी परत में सूर्य की विषैली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण होता है। यह परत न होती तो कदाचित् पृथ्वी पर किसी प्रकार का जीवन सम्भव नहीं होता।