in भूगोल
edited
सागरीय तथा स्थलीय समीर अन्तर स्पष्ट कीजिए

1 Answer

0 votes

edited

सागरीय तथा स्थलीय समीर अन्तर

सागरीय – ये पवनें तटीय प्रदेशों पर चलती हैं। दिन के समय सागर के पानी की अपेक्षा पृथ्वी जल्दी गर्म हो जाती है। स्थल की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है इसलिए स्थल पर वायुदाब कम और सागर स्थल पर वायुदाब अधिक होता है। परिणाम यह होता है कि सागर से पवनें स्थल की ओर चलने लगती हैं। इन पवनों को जल समीर या सागर समीर कहते हैं।

स्थलीय समीर – ये रात के समय धरती से समुद्र की ओर चलती हैं। रात को समुद्र की अपेक्षा पृथ्वी अधिक ठण्डी हो जाती है। इस कारण समुद्र पर वायुदाब कम और पृथ्वी पर अधिक होता है। अतः धरती की ओर से समुद्र की ओर मन्द-मन्द पवनें चलने लगती हैं। इन्हीं पवनों को स्थल समीर कहते हैं।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...