सूर्य द्वारा विकिरित सौर ऊर्जा को सूर्यापत कहते हैं। पृथ्वी पर यह लघु तरंगों के रूप में आता है। पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊर्जा ही भौमिक या पार्थिव विकिरण कहलाती है। वायुमण्डल पार्थिव विकिरण एवं शोषित विकिरण द्वारा गर्म होता है, किन्तु इसके गर्म होने में पार्थिव या भौतिक विकिरण का विशेष योगदान होता है। इसका मुख्य कारण निम्नलिखित है-
वायुमण्डल लघु तरंगों को अवशोषित नहीं कर पाता। फिर भी वायुमण्डल को बहुत कम ऊर्जा प्राप्त होती है। किन्तु लम्बी तरंगों को वायुमण्डल शीघ्र अवशोषित कर लेता है, क्योंकि वायुमण्डल में व्याप्त गैस, जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड अधिक ऊष्मा ग्रहण करने में सहयोग प्रदान करते हैं। इससे वायुमण्डल की निचली परतें ऊपरी परतों की अपेक्षा अधिक गर्म होती हैं।