वर्षाकाल में प्रात: काल मे वायुमण्डल सबसे अधिक आर्द्र रहता है । वायुमण्डल में विद्यमान अदृष्य जलवाष्प की मात्रा आर्द्रता कहलाती हैं। यह आर्द्रता पृथ्वी से वाष्पीकरण के विभिन्न रुपों द्वारा वायुमण्डल में पहुंचती हैं। आर्द्रता का जलवायु विज्ञान में सर्वाधिक महत्व होता हैं, क्योंकि इसी पर वर्षा, तथा वर्षण के विभिन्न रूप जैसे वायुमण्डलीय तूफान तथा विक्षोभ (चक्रवात आदि) आधारित होते हैं।