दो समीपवर्ती वस्तुओं को दूरदर्शी द्वारा देखने पर प्रतिबिम्बों को अलग-अलग करने की क्षमता को दूरदर्शी. की ‘विभेदन-क्षमता’ कहते हैं।
स्पष्ट है कि दूरदर्शी की विभेदन-क्षमता, दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्से का व्यास (d) बढ़ाकर बढ़ायी जा सकती है अर्थात्, विभेदन-क्षमता अभिदृश्यक के द्वारक तथा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करती है।