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नाभिकीय विखण्डन बताइये

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नाभिकीय विखण्डन-इस प्रक्रिया में किसी भारी नाभिक पर न्यूट्रॉनों की बमबारी किये जाने पर यह नाभिक दो लगभग बराबर नाभिकों में टूट जाता है।

92 U235 + 0n1 →56Ba144 + 36Kr89 + 30n + ऊर्जा 

नाभिकीय विखण्डन की प्रक्रिया में अपार ऊर्जा उत्पन्न होने का कारण है कि इस प्रक्रिया में प्राप्त नाभिकों तथा न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान मूल नाभिक तथा न्यूरॉन के द्रव्यमान से कुछ कम होता है, अर्थात् इस प्रक्रिया में कुछ द्रव्यमान की क्षति होती है। यह द्रव्यमान क्षति ही आइन्स्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध के अनुसार ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होकर प्राप्त होती है।

 

 

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