तन्य पदार्थ
ये वे पदार्थ होते हैं जिनमें प्रत्यास्थता की सीमा के आगे प्लास्टिक क्षेत्र बड़ा होता है। ऐसे पदार्थों के । प्रतिबल-विकृति वक्र में भंजक बिन्दु प्रत्यास्थता की सीमा के बिन्दु से काफी दूर ! होता है। इनके तार खींचे जा सकते हैं। इस प्रकार के पदार्थों का प्रयोग स्प्रिंग तथा चादर (sheet) बनाने में किया जाता है।
उदाहरणार्थ-ताँबा, चाँदी, लोहा, ऐलुमिनियम आदि।
भंगुर पदार्थ
ये वे पदार्थ हैं जिनके लिए प्रत्यास्थता । की सीमा से परे प्लास्टिक क्षेत्र बहुत छोटा है। ऐसे पदार्थों के प्रतिबल-विकृति वक्र में भंजक बिन्दु प्रत्यास्थता की सीमा बिन्दु के निकट होता है।
उदाहरणार्थ-काँच भंगुर पदार्थ है। इनके लिए प्रतिबल-विकृति वक्र संलग्न चित्र की भाँति होता है।