“किसी गतिमान वस्तु के समय के साथ वेग-परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं।”
त्वरण एक सदिश राशि है, इसे अंग्रेजी के छोटे अक्षर ‘a’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
त्वरण का सूत्र
किसी वस्तु का त्वरण वेग-परिवर्तन के समानुपाती तथा समयान्तराल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
त्वरण = वेग-परिवर्तन/समयान्तराल
a = v-u/t
जहां,
u – किसी वस्तु का प्रारम्भिक या शुरूआती वेग
v – किसी वस्तु का अंतिम वेग
t – समय
त्वरण का मात्रक
इसका मात्रक एम.के.एस. पद्धति में मीटर/वर्ग सेकण्ड होता है। तथा सी.जी.एस. पद्धति में सेमी/वर्ग सेकण्ड होता है।
त्वरण के प्रकार
1.असमान त्वरण
यदि किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन एकसमान समयान्तरालों के लिए अलग-अलग हो, तो वस्तु का त्वरण असमान त्वरण (Non-uniform Acceleration) कहलाता है।
2.एकसमान त्वरण
यदि किसी वस्तु के वेग में समान समयान्तरालों में समान वेग परिवर्तन हो रहा हो, तो वस्तु का त्वरण एकसमान त्वरण (Uniform Acceleration) कहलाता है।
3.ऋणात्मक और धनात्मक त्वरण
यदि किसी वस्तु का परिमाण समय के साथ घटता है, तो उसे वस्तु का ऋणात्मक त्वरण कहते हैं। और जब किसी वस्तु का परिमाण समय के साथ बढ़ता है, तो उसे वस्तु का धनात्मक त्वरण कहते हैं।
कुछ उदाहरण
1.यदि एक बस 40 किमी/घण्टा की चाल से त्वरित होती है। और 100 किमी/घण्टा की गति को 6 सेकण्ड में प्राप्त करती है, तो उसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल
सबसे पहले किमी/घण्टा को मीटर/सेकण्ड में बदलेंगे।
प्रारम्भिक वेग (u) = 40 किमी/घण्टा = 40×1000/60×60 = 11.11 मीटर/सेकण्ड
अंतिम वेग (v) = 100 किमी/घण्टा = 100×1000/60×60 =27.77 मीटर/सेकण्ड
समय (t) = 6 सेकण्ड
त्वरण (a) = ?
अब त्वरण का सूत्र a =v-u/t
इस सूत्र में मान रखने पर त्वरण (a) = 27.77-11.11/6 = 2.77 मीटर/वर्ग सेकण्ड
त्वरण का SI मात्रक
इसका SI मात्रक मीटर/वर्ग सेकण्ड होता है।
किसी पिंड का त्वरण कब शून्य होता है
जब पिंड का प्रारम्भिक तथा अंतिम वेग बराबर हो, तब उस समय पिंड में उत्पन्न त्वरण शून्य होता है।
मंदन किस प्रकार के त्वरण को कहते हैं?
मंदन ऋणात्मक त्वरण को कहते हैं।