जहाँगीर की मृत्यु के पश्चात नूरजहाँ ने शहयार को मुगल सम्राट् घोषित किया। जहांगीर के बाद मुग़ल बादशाह की कुर्सी पर नूरजहां ने अपने दामाद और जहांगीर के सबसे छोटे बेटे शहयार को बिठाया, क्योंकि खुर्रम जिसे जहांगीर ने उत्तराधिकारी घोषित कर रखा था , उस समय दिल्ली शहर से बाहर था और नूरजहां चाहती थी कि शासन पर उसका नियंत्रण बना रहे. अतः उसने अपने दामाद और जहांगीर के सबसे छोटे बेटे शहयार को लाहौर मे गद्दी पर बिठाया गया