सल्तनतकाल में विद्वानों एवं धार्मिक लोगों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता इदरार कहलाती थी। दिल्ली सल्तनत की स्थापना भारतीय इतिहास में युगान्तकारी घटना है। शासन का यह नवीन स्वरूप भारत की पूर्ववर्ती राजव्यवस्थाओं से भिन्न था। इस काल के शासक एवं उनकी प्रशासनिकऐसे व्यवस्था एक ऐसे धर्म पर आधारित थी, जो कि साधारण धर्म से भिन्न था।