आर्यो के पूर्व की ओर प्रसार का अभिज्ञान कराने वाली अग्नि वैश्वानर तथा विदेध माधव की कथा का उल्लेख शतपथ ब्राह्मण ग्रन्थ में सर्वप्रथम हुआ। शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद का ब्राह्मणग्रन्थ है। ब्राह्मण ग्रन्थों में इसे सर्वाधिक प्रमाणिक माना जाता है। शतपथ ब्राह्मण, शुक्ल यजुर्वेद के दोनों शाखाओं काण्व व माध्यन्दिनी से सम्बद्ध है। यह सभी ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसके रचयिता याज्ञवल्क्य माने जाते हैं।
Stay updated via social channels