संगम युग का ग्रन्थ मणिमेकले बौद्ध धर्म की श्रेष्ठता प्रतिपादित करता है। मणिमेकलई कवि चितलाई चतनार द्वारा रचित एक महाकाव्य है , जो कि आधुनिक तमिल साहित्य पाँच महाकाव्यों में से एक है। मणिमेकलई तीस छन्दों का काव्य है। यह एक अन्य पाँच महाकाव्यों में एक सिलापतिकाराम की ही उत्तर-कृति है जो कोवालन तथा माधवी की पुत्री की कथा बतलाती है जो बौद्ध भिक्षुणी बन गयी थी।