बाबर की आत्मकथा 'तुज्क- ए- बाबरी' तुर्की भाषा में है। बाबर की आत्मकथा 'तुजुक-ए-बाबरी' ऐतिहासिक दृृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण कृति है। चगाताई तुर्की में लिखी हुई यह कृति इतिहास का एक मूल्यनान स्त्रोत है और इसे चगताई ही नहीं अपितु तुर्की की भी श्रेष्ठ कृति माना गया है। यह ग्रंथ बाबर के पूरे जीवन का चित्रण नहीं है। इसमें तीन प्रमुख रिक्तियां रह गई हैं। इसके उसके जीवन के केवल 118 वर्षों को शामिल किया गया है।
Stay updated via social channels