in इतिहास
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किसने कहा था? 'इतने समय से करोड़ों लोग भूख और अज्ञान में रहते हैं, मैं हर व्यक्ति को देशद्रोही समझता हूँ जिन्होंने उनके ही पैसे से पढ़कर उनके लिए कुछ नहीं किया"

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यह कथन स्वामी विवेकानन्द का है। स्वामी विवेकानन्द एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगन्ध विदेशों में बिखेरने वाले साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विद्वान् थे। विवेकानन्द जी का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानन्द के नाम से विख्यात हुए। भारत में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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