श्यामजी कृष्ण वर्मा का 'इण्डियन सोशियोलॉजिस्ट' व मैडम कामा का 'वन्दे मातरम' पत्र जो स्वतंत्रता आन्दोलन के समय के महत्वपूर्ण प्रकाशन थे, क्रमश: लंदन व पेरिस से प्रकाशित किए जाते थे। श्यामजी कृष्ण वर्मा क्रान्तिकारी गतिविधियों के माध्यम से भारत की आजादी के संकल्प को गतिशील करने वाले अध्यवसायी एवं कई क्रान्तिकारियों के प्रेरणास्रोत थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्हें ऑक्सफोर्ड से एम॰ए॰ और बार-ऐट-ला की उपाधियाँ मिलीं थीं।
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