स्वतंत्रता आन्दोलन के क्रान्तिकारी आतंकवादियों का पहला महत्वपूर्ण साहसिक कार्यबर्रा डकैती माना जाता है, यह स्थान पूर्वी बंगाल में था। भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजों के विरुद्ध आन्दोलन दो प्रकार का था, एक अहिंसक आन्दोलन एवं दूसरा सशस्त्र क्रान्तिकारी आन्दोलन। भारत की आज़ादी के लिए 1857 से 1947 के बीच जितने भी प्रयत्न हुए, उनमें स्वतंत्रता का सपना संजोये क्रान्तिकारियों और शहीदों की उपस्थित सबसे अधिक प्रेरणादायी सिद्ध हुई।
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