भारत की स्वतंत्रता के समय इंग्लैंण्ड के प्रधानमंत्री एटली थे, भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन थे। लुई माउण्टबेटेन का मूल नाम 'लुई फ़्राँसिस एल्बर्ट विक्टर निकोलस' था। वह भारत के आखिरी वायसरॉय (1947) थे और स्वतंत्र भारतीय संघ के पहले गवर्नर-जनरल (1947-48) थे। उन्होंने देशी राजाओं को अपनी रियासतों को भारत संघ अथवा पाकिस्तान में विलयन करने के लिए प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
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