1905 में ‘भवानी मन्दिर’ नामक पुस्तक बारीन्द्र कुमार घोष क्रांतिकारी ने लिखी थी। भवानी मंदिर (भवानी देवी का मंदिर) 1905 में भारतीय राष्ट्रवादी [[अरविन घोष) द्वारा गुमनाम रूप से लिखा गया एक राजनीतिक पैम्फलेट था। यह पैम्फलेट बंगाल के विभाजन के समय बनाया गया था और बड़ौदा राज्य सेवा में अरबिंदो के करियर के दौरान लिखा गया था।
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