भारत कृषि प्रधान देश है। यहाँ के गाँव कृषि पर आधारित हैं। कृषि वर्षा पर आधारित है। वर्षा आषाढ़ मास में शुरू होती है। इसलिए आषाढ़ मास में गाँववासी बहुत प्रसन्न नज़र आते हैं। वे साल-भर आषाढ़ मास की प्रतीक्षा करते हैं ताकि खेतों में धान रोप सकें। उन दिनों बच्चे भी खेतों की गीली मिट्टी में लथपथ होकर आनंद-क्रीड़ा करते हैं। औरतें नाश्ता परोसकर किसानों का भरपूर सहयोग करती हैं। किसान हल जोतते हैं तथा दिन-भरं बुवाई करते हैं। वे सभी फसलों की आशा में उल्लास से भरे जाते हैं। इन्हीं दिनों गाँव का सामाजिक वातावरण सांस्कृतिक रंगों से ओतप्रोत हो उठता है।