त्रिपुरा तीन ओर बाँग्लादेश से तथा एक ओर भारत से घिरा है। यहाँ बाँग्लादेश से पश्चिम बंगाल से लोग घुसपैठ करके आए और यहाँ बस गए। ये लोग विभिन्न धर्मों को मानने वाले थे। त्रिपुरा में विश्व के चार बड़े धर्मों का प्रतिनिधित्व मौजूद है। इस तरह त्रिपुरा बहुधर्मी समाज का उदाहरण बनता गया। त्रिपुरा के हिंसाग्रस्त मुख्य भाग में प्रवेश करने से पहले अंतिम पड़ाव टीलियामुरा ही है।