देश में वन संसाधनों पर जनसंख्या का भारी दवाब है। बढ़ती जनसंख्या के लिये, कृषि के लिये भूमि की आवश्यकता होती है जानवरों के लिये चरागाह की आवश्यकता होती है। उद्योगों की आपूर्ति के लिये वनों का तेजी से शोषण हो रहा है। इसलिये यह आवश्यक है कि वनों के संरक्षण के लिये भिन्न विधियाँ अपनाई जाएँ । वनारोपण तथा पुनर्वनारोपण कई क्षेत्रों में विकसित किया जा रहा है। घासभूमियाँ पुनः बनाई जा रही हैं। तेजी से उगनेवाले पौधे लगाये जा रहे हैं । वनों के अन्तर्गत क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है।