आतंकवाद लोकतंत्र में आवाम के मनोबल को तोड़ने का साधन है। अलगाववाद मनोबल को तोड़ने के साथ-साथ राष्ट्र की एकता एवं अखंडता को तोड़ता है। इस प्रकार दोनों ही लोकतंत्र के लिए चुनौतियाँ हैं। हिंसा के द्वारा ये दोनों ही बड़े पैमाने पर धन एवं जन की हानि करना चाहते हैं। आतंकवाद विश्वस्तरीय समस्या बन चुका है। आतंकवादी अपनी गतिवधियों से राष्ट्र को सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षति पहुँचाना चाहते हैं, लोकतांत्रिक मूल्यों से संबंधित ढाँचे को दुष्प्रभावित करते हैं। लोग उतना ही ज्यादा भयभीत होंगे। 11 सितम्बर को अमेरिका स्थित ट्विन टावर पर आतंकी हमला, ब्रिटेन का आतंकी हमला आदि ने शक्तिशाली एवं विकसित देशों को यह अहसास करा दिया कि आतंकवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बडी चनौती है। भारतीय संसद पर आतंकी हमला ताज होटल आतंकी घटना ये लोकतंत्र के विकास में जबरदस्त अवरोध है।