आसवन विधि द्वारा मुख्यत: द्रवों के मिश्रण को पृथक किया जाता है। जब दो द्रवों के क्वथनांकों में अंतर अधिक होता है तो उनके मिश्रण को इस विधि से पृथक किया जाता है। आसवन विधि में द्रव को वाष्प में परिणत कर किसी दूसरे स्थान में भेजा जाता है, जहां उसे ठंडा कर पुन: द्रव अवस्था में परिवर्तित कर लिया जाता है।