विखनिजित जल
वह जल जो सभी विलेयशील खनिज अशुद्धियों से पूर्णतया मुक्त हो, विखनिजित जल (demineralised water) कहलाता है। दूसरे शब्दों में, धनायनों (Ca2+, Mg2+ आदि) तथा ऋणायनों (Cl–, SO2-4, HCO–3 आदि) से पूर्णतया विमुक्त जल विखनिजित जल कहलाता है। विखनिजित जल को आयन-विनिमयक रेजिन विधि से प्राप्त किया जाता है। इस विधि के अन्तर्गत आयन-विनिमयक रेजिनों द्वारा जल में उपस्थित सभी धनायनों तथा ऋणायनों को हटा दिया जाता है। इसके लिए सर्वप्रथम कठोर जल को धनायन विनिमय परिवर्तक (रेजिनयुक्त) में प्रवाहित किया जाता है, जहाँ —SO3H तथा —COOH समूहों वाले विशाल कार्बनिक अणु (रेजिन), Na+, Ca2+, Mg2+ तथा अन्य धनायनों को हटाकर H+ आयनों को प्रतिस्थापित कर देते हैं। इस प्रकार प्राप्त जल को पुन: ऋणायन विनिमय परिवर्तक से गुजारा जाता है, जहाँ —NH2 समूह वाले विशाल कार्बनिक अणु (रेजिन) Cl–, SO2-4, HCO–3 आदि ऋणायनों को हटाकर OH– आयनों को प्रतिस्थापित कर देते हैं।
जल के उत्तरोत्तर धनायन-विनिमयक (H+ आयन के रूप में) तथा ऋणायन-विनिमयक (OH–) के रूप में) रेजिन से प्रवाहित करने पर शुद्ध विखनिजित तथा विआयनित जल प्राप्त किया जाता है।