वी वी गिरी द्वितीय पसंद के मतों की गणना के फलस्वरूप अपना निश्चित कोटा प्राप्त कर निर्वाचित हुआ। 75 वर्षीय गिरि ने तब सार्वजनिक रूप से ऐलान कर दिया कि अगर कांग्रेस उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं भी बनाती तब भी वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे.गिरि को इंदिरा के अलावा कम्यूनिस्टों, अकालियों, निर्दलियों और डीएमके का समर्थन भी मिला.