विलय का सिद्धांत (doctrine of lapse) लागू करने वाला लॉर्ड डलहौजी था जिसके अनुसार यदि कोई भारतीय राजा बिना किसी स्वाभाविक उत्तराधिकारी के मर जाता है तो उसका राज्य ब्रिटिश शासन में मिला लिया जाएगा। लॉर्ड डलहौजी 1848 में भारत का गवर्नर जनरल बना।
उसने प्रारंभ से ही इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि अधिक से अधिक भारतीय इलाके को प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन के अंतर्गत लाया जाए।